O Saathi Saath Dena

ओ साथी साथ देना, अम्बर का रुख करें हम
हाथों में हाथ लेके, इतिहास अब रचें हम
अंधेरे में हो तन्हा, कोई जो उड़ता राही
आवाज़ के सहारे कुछ रौशनी करें हम
ओ साथी साथ देना

कोई भी न सुनेगा, इक जुट जो हम न होंगे
घर जैसा आओ मिलकर इक कारवाँ बनें हम
इक दूसरे की ख़ातिर जीना ही ज़िन्दगी है
सेवा के पथ पे मिलकर कुछ दूर तक चलें हम
ओ साथी साथ देना

चाहे हो कोई मुश्किल, या जान की हो बाज़ी
वर्दी का मान यारों, हर हाल में रखें हम
औरों के इस सफ़र में दिन रात हम जलायें
ए.टी.सी कर्म अपना, विश्वास से करें हम
ओ साथी साथ देना



Credits
Writer(s): Prashant Beybaar
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