Ya Khuda Mere Khayalon Mein Ye Manzar Kyun Hai

या ख़ुदा, मेरे ख़यालों में...

या ख़ुदा, मेरे ख़यालों में ये मंज़र क्यूँ है?
या ख़ुदा, मेरे ख़यालों में ये मंज़र क्यूँ है?
हर घड़ी उससे बिछड़ने का मुझे डर क्यूँ है?
या ख़ुदा, मेरे ख़यालों में ये मंज़र क्यूँ है?

किस को फ़ुर्सत है, मेरे ग़म का सबब जो पूछे
किस को फ़ुर्सत है, मेरे ग़म का सबब जो पूछे

कौन समझे, मेरी आँखों में समुंदर क्यूँ है
कौन समझे, मेरी आँखों में समुंदर क्यूँ है
हर घड़ी उससे बिछड़ने का मुझे डर क्यूँ है?
या ख़ुदा, मेरे ख़यालों में ये मंज़र क्यूँ है?

चाँद को देख के कोई ना हुआ रद्द-ए-अमल
चाँद को देख के कोई ना हुआ रद्द-ए-अमल

अब मैं समझा हूँ कि तू चाँद से बेहतर क्यूँ है
अब मैं समझा हूँ कि तू चाँद से बेहतर क्यूँ है
हर घड़ी उससे बिछड़ने का मुझे डर क्यूँ है?
या ख़ुदा, मेरे ख़यालों में ये मंज़र क्यूँ है?



Credits
Writer(s): Rajeev K. Mahavir, Anurag Sinha
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