Shiv Shankar Hai Bhola Bhandari

शिव-शंकर हैं भोला-भंडारी
शिव-शंकर हैं भोला-भंडारी
कि ऐसा कोई और नहीं है
कि ऐसा कोई और नहीं है

कि ऐसा कोई और नहीं है
कि ऐसा कोई और नहीं है

भोले बाबा हैं
भोले बाबा हैं करुणा अवतारी
कि ऐसा कोई और नहीं है
कि ऐसा कोई और नहीं है

एक लोटा जल से तुम खुश हो जाते
एक लोटा जल से तुम खुश हो जाते
भक्तों पर अपना आशीष लुटाते
हो आशुतोष, प्रभु, तुम अवधरतानी
बिन माँगे मन चाहा फल तुम दिलाते
बिन माँगे मन चाहा फल तुम दिलाते

पूरी कर देते, पूरी कर देते
पूरी कर देते कामनाएँ सारी
कि ऐसा कोई और नहीं है
कि ऐसा कोई और नहीं है

उलझी जटा में गंगा की धारा
उलझी जटा में गंगा की धारा
है भाल पर चंद्रमाॅं प्यारा-प्यारा
माथे पे है तीसरा नेत्र न्यारा
कैलाश पे शिव की शोभा अपारा
कैलाश पे शिव की शोभा अपारा

हाथ डमरू, हाथ डमरू
हाथ डमरू त्रिशूल के भारी
कि ऐसा कोई और नहीं है
कि ऐसा कोई और नहीं है

तन पर भभूति भस्म रमाए
तन पर भभूति भस्म रमाए
सरपों की माला कंठ लगाए
माँ पार्वती को बाएँ सजाएँ
गणपति षडानन को गोद बिठाएँ
गणपति षडानन को गोद बिठाएँ

देते यश-वैभव, देते यश-वैभव
देते यश-वैभव सबको त्रिपुरारी
कि ऐसा कोई और नहीं है
कि ऐसा कोई और नहीं है

कि ऐसा कोई और नहीं है
कि ऐसा कोई और नहीं है

शिव-शंकर हैं, शिव-शंकर हैं
शिव-शंकर हैं भोला-भंडारी
कि ऐसा कोई और नहीं है
कि ऐसा कोई और नहीं है
कि ऐसा कोई और नहीं है



Credits
Writer(s): Satish Dehara
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