Tum Kaho Chaand Choukor Kar Den

तुम कहो, चाँद चौकोर कर दें
रात कर दें गुलाबी, गुलाबी
तुम कहो, चाँद चौकोर कर दें
रात कर दें गुलाबी, गुलाबी

तुम कहो, सड़कें उल्टी चला दें
इसमें भी है कोई ना ख़राबी
तुम कहो, इंद्र-धनुषों को मोड़ें
ये रही आसमानों की चाबी
तुम कहो, जुगनुओं को बता दें
अपने घर का नया रास्ता भी

तुम कहो, तुमको जो चाहिए माँग लेना
तुम कहो, तुमको जो चाहिए माँग लेना
तुम तकल्लुफ़ ना करना ज़रा भी

तुम कहो, चाँद चौकोर कर दें
रात कर दें गुलाबी, गुलाबी

मोहल्ले ख़ूब हैं इन आसमानों में
टहल के आना तुम मेरे ठिकानों में
ख़ामोशी के किले में जाती एक गली
सितारे मिलते हैं वहाँ दुकानों में

सितारों से अगर मैं भर लूँ मुट्ठियाँ
मैं चाँदनी वरक़ पे लिखूँ चिट्ठियाँ
जो लफ़्ज़ भेजे थे तुम्हारे नाम के
वो लफ़्ज़ झाँकते तुम्हारे कानों में

ना मिल सके थे हम तो अब हैं मिल रहे
सलेटी बादलों के शामियानों में
जो बात तुमने है नहीं कही कभी
वो बात तुम कहो कई ज़बानों में

तुम कहो, चाँद चौकोर कर दें
रात कर दें गुलाबी, गुलाबी

तुम कहो, चाँद बालों में जड़ दें
तुमको दे-देंगे तारों का गहना
तुम कहो, सर्दी की धूप दे-दें
उसको ख़ुद से लपेटे ही रहना

तुम कहो, एक दरिया मँगा दें
मछलियों की तरह उसमें बहना
तुम कहो, क्या तुम्हारी रज़ा है?
मुद्दा-ए-इश्क़ पर क्या है कहना?

तुम कहो, तुमको जो चाहिए माँग लेना
तुम कहो, तुमको जो चाहिए माँग लेना
तुम तकल्लुफ़ ना करना ज़रा भी

तुम कहो, चाँद चौकोर कर दें
रात कर दें गुलाबी, गुलाबी



Credits
Writer(s): Neelesh Misra, Anuj Bhatt
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