Pehli Barsaat

सर पे तेरे इश्क़ वाला बदल बनके आऊँगा

सर पे तेरे इश्क़ वाला बदल बनके आऊँगा
ऐसे मौसम में लगता है मैं पागल हो जाऊँगा
इक तो तेरा चाँद सा चेहरा
उस पे चाँदनी रात है

पहली-पहली बरसात है
इस मौसम में तू साथ है
घर जाने की ज़िद ना करो
भीगने वाली ये रात है

पहली-पहली बरसात है
इस मौसम में तू साथ है
घर जाने की ज़िद ना करो
भीगने वाली ये रात है

रोकूँ मैं कैसे खुद को, दिल को सँभालूँ
दिल चाहता है तुझको दिल में बसा लूँ
चेहरे से तेरे नज़रें हटती नहीं हैं
आ, पास आजा, तुझको सीने से लगा लूँ

सावन में भी प्यासा है मन
कैसा है ये दीवानापन?
बूँदों में भी भड़क रही है
कैसी दिल में ये आग है

पहली-पहली बरसात है
इस मौसम में तू साथ है
घर जाने की ज़िद ना करो
भीगने वाली ये रात है

पहली-पहली बरसात है
इस मौसम में तू साथ है
घर जाने की ज़िद ना करो
भीगने वाली ये रात है



Credits
Writer(s): Danish Sabri
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