Ajnabee Si, Ajnabee Si

अजनबी सी, अजनबी सी
लगती हैं यह जीवन की राहें
अजनबी सी, अजनबी सी
लगती हैं यह जीवन की राहें

खोजती हैं, खोजती हैं
किसे मेरी ये दो निगाहें
अजनबी सी, अजनबी सी

घूमता हूँ मैं बनके आवारा
किश्ती को मेरी नहीं किनारा
अनसुनी सी, अनसुनी सी
रह गयीं हैं मेरी सदाएं
अनसुनी सी, अनसुनी सी

आरजू हैं दिल में भी मेरे
रातों की मेरे होंगे सावरे
मुस्कुराती, मुस्कुराती
जिंदगी होगी मेरी बहूँ में
मुस्कुराती, मुस्कुराती



Credits
Writer(s): Rajesh Garg
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