Lamhen

तेरे साथ कुछ ये लम्हें
गुज़ारने की इजाज़त देदे
कुछ अनकही ये बातें
कहने की इजाज़त देदे

तेरे मन की ख्वाइश मे
क्यों मेरा मन भी बस्ता है
तेरे साथ गुज़ारे लम्हों मे
क्यों मेरा दिल यूँ उलझता है

तेरे मन की ख़्वाइश मे
क्यों मेरा मन भी बस्ता है
तेरे साथ गुज़ारे लम्हों मे
क्यों मेरा दिल यूँ उलझता है

रात मे निकली चाँद मे
क्यों तेरा चेहरा झलकता है
सवेरा निकलता सूरज भी
क्यों तेरी चमक यूँ बिखरता है

रात मे निकली चाँद मे
क्यों तेरा चेहरा झलकता है
सवेरा निकलता सूरज भी
क्यों तेरी चमक यूँ बिखरता है

खामोश पड़े इन होठों से
गुनगुनाने की इजाज़त देदे
दरारों को कुछ इसी तरह
मिटाने की इजाज़त देदे

तेरे साथ कुछ ये लम्हें
गुज़ारने की इजाज़त देदे



Credits
Writer(s): Aarya Bhardwaj
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