Dooriyan

दूरियाँ बढ़ाने लगी
हर घड़ी
हर घड़ी
सब हार के भी जीत गया बाज़ी
ऐसा खेल खेला मैंने चिता खुद की जला दी
तेरी यादें थी जो जाना मैंने चढ़ के सीढ़ी पे
भर के बीड़ी में फूंक सारी धुएं में उड़ा दी

पहले कश में तेरी तसवीरें वो जला दी
दूसरे कश में तेरी दी वो शर्ट भी जला दी
तीसरे कश के बाद सोचा बस करूं अब
लेकिन हाथ आ गई कलम तो फिर नज़्म ये बना दी

इंसाफ़ मिला अब जा के स्वास मिला
रास नी आई मुझे ये काली तेरी रास लीला
तेरीसोच साली दबी जहां गहरी थी
Tragidy तू देख वही बनके गुलाब खिला
जो भी मिला मुझे सब शरेआम मिला
तारे भी गवाह है और गवाह है आसमान नीला
शिकवा तू बता करूं किस बात का प्यार के नाम पे साला यह मौत का इनाम मिला
ख़ुदगर्ज़ लगे जीना मुझे कर्ज़ लगे
जिंदगी तबाह हुई तो Drugs ही क्यूँ मर्ज़ लगे
फर्ज लगे मुझे खुद को झेलना
फुकु हाथ मेरे बीड़ी या फिर हाथ मेरे चरस लगे
दवा दुआ का हवाला ना यह दर्द घटे
जितना मैं भागू उतनी बार दोबारा घटे
मौत का इशारा लगे याद तेरा आना
तभी खुद से फ़साने लिखूं लोगों को दीवाना लगे

इंसाफ मिला अब जा के स्वास मिला
रास नी आई मुझे ये काली तेरी रासलीला
जो भी लिखा मैंने होके ना उदास लिखा
धुआँ अंदर खींचा तो फिर सब साफ साफ दिखा
कौन बदला कहां जाके ईमान बिका
फेफड़ो में जलन और बढ़ता तापमान दिखा
ऊंचे स्वर में बोला था तू तो पत्थर है
पलट के भी देख लेती पीछे था जो राम लिखा



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