Aaj Bhi

हाँ, आज भी तुम नहीं, पर तुम रहती हो दिल में, हाँ, दिल में
हाँ, आज भी तेरी कमी खलती मुझे महफ़िल में, महफ़िल में

ख़ामोशी मेरी ये क्यूँ नहीं, अब होता ना यक़ीं
हम क्या थे, क्या हुए हैं ऐसे अजनबी से
लम्हे काटे जो सभी बिताना ज़िंदगी सोचा था हमने

हाँ, आज भी तुम नहीं, पर तुम रहती हो दिल में, हाँ, दिल में
हाँ, आज भी तेरी कमी खलती मुझे महफ़िल में, महफ़िल में

हाँ, क्या मुश्किलों में तेरे साथ चलते
रंगों में यूँ ढलते हम तेरे
क्यूँ रास्तों में रुख़्सत तुम हुए यूँ?
ऐसे हम जिएँ क्यूँ बिन तेरे?

बेचैनी मेरी ये क्यूँ रही, अब होता ना यक़ीं
हम क्या थे, क्या हुए हैं ऐसे अजनबी से
लम्हे काटे जो सभी बिताना ज़िंदगी सोचा था हमने

हाँ, आज भी तुम नहीं, पर तुम रहती हो दिल में, हाँ, दिल में
हाँ, आज भी तेरी कमी खलती मुझे महफ़िल में, महफ़िल में



Credits
Writer(s): Vedant Survase
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