Sajde (From "Khatta Meetha")

ਅੱਖੀਆਂ 'ਚ ਵੱਸਦਾ ਜਿਹੜਾ ਓਹੀ ਮੇਰਾ ਮਾਹੀ ਐ
ਚੰਨ ਦੀ, ਤਾਰਿਆਂ ਦੀ, ਰੱਬ ਦੀ ਗਵਾਹੀ ਐ

सजदे किए हैं लाखों, लाखों दुआएँ माँगी
पाया है मैंने फिर तुझे
चाहत की तेरी मैंने, हक़ में हवाएँ माँगी
पाया है मैंने फिर तुझे

तुझसे ही दिल ये बहला, तू जैसे क़लमा पहला
चाहूँ ना फिर क्यूँ मैं तुझे?

जिस पल ना चाहा तुझको, उस पल सज़ाएँ माँगी
पाया है मैंने फिर तुझे
ओ, सजदे किए हैं लाखों, लाखों दुआएँ माँगी
पाया है मैंने फिर तुझे

जाने तू सारा, वो दिल में जो मेरे हो
पढ़ ले तू आँखें हर दफ़ा
जाने तू सारा, वो दिल में जो मेरे हो
पढ़ ले तू आँखें हर दफ़ा, हाँ

नख़रे से ना जी भी, होते हैं राज़ी भी
तुझसे ही होते हैं ख़फ़ा

जाने तू बातें सारी, कटती हैं रातें सारी
जलते दिए सी अनबुझे

उठ-उठ के रातों को भी तेरी वफ़ाएँ माँगी
पाया है मैंने फिर तुझे
ओ, सजदे किए हैं लाखों, लाखों दुआएँ माँगी
पाया है मैंने फिर तुझे

चाहत के काजल से क़िस्मत के काग़ज़ पे
अपनी वफ़ाएँ लिख ज़रा
हाँ, चाहत के काजल से क़िस्मत के काग़ज़ पे
अपनी वफ़ाएँ लिख ज़रा

बोले ज़माना यूँ, "मैं तेरे जैसी हूँ"
तू भी तो मुझ सा दिख ज़रा

मेरा ही साया तू है, मुझ में समाया तू है
हर पल ये लगता है मुझे

ख़ुद को मिटाया मैंने, तेरी बलाएँ माँगी
पाया है मैंने फिर तुझे
हो, "चाहे, तू चाहे मुझको," ऐसी अदाएँ माँगी
पाया है मैंने फिर तुझे



Credits
Writer(s): Irshad Kamil
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