Gaye Ho Tum

मैं कहीं नहीं गया, गए हो तुम
क्यूँ फिर कहा तुम मेरे हो, बस तुम
मैं कहीं नहीं गया, गए हो तुम
क्यूँ फिर कहा तुम मेरे हो, बस तुम

इस धूप में ढूँढूँ तुझे उस छाँव की तरह
छुप कर कहीं बैठी है सहमे बच्चे की तरह
इस धूप में ढूँढूँ तुझे उस छाँव की तरह
छुप कर कहीं बैठी है सहमे बच्चे की तरह

ये रातें हैं जागी सी
अनसुलझी हैं कुछ बातें भी
कह दो ज़रा मेरी तरह

मैं कहीं नहीं गया, गए हो तुम

टूटे तारों से मैंने माँगा था तुझे
तेरी यादों ने हर पल तड़पाया मुझे
टूटे तारों से मैंने माँगा था तुझे
तेरी यादों ने हर पल तड़पाया मुझे

ये रातें हैं जागी सी
अनसुलझी हैं कुछ बातें भी
कह दो ज़रा मेरी तरह

मैं कहीं नहीं गया, गए हो तुम
क्यूँ फिर कहा तुम मेरे हो, बस तुम
मैं कहीं नहीं गया, गए हो तुम



Credits
Writer(s): Jayant Kumar
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