Phir Se

देखा है तुझको मैंने फ़िर से वो राहों में
चुपके से मिलते थे जो फूलों के बाग़ों में
शर्मा के चुपके से जो तू मुस्कुराती थी
जान-ए-जाँ मेरी सारी वक़्त थम जाती थी

गहरी सी रातों में जो ख़्वाब पिरोए थे
होंगे वो सारे पूरे मुझको जो कहते थे
आसमाँ में तारे यूँ तो रातों को आते हैं
आँखों में तेरी हम तो हर वक़्त पाते हैं

चाहूँ तुझे, जानूँ तुझे, जियूँ तुझे, चाहूँ तुझे
चाहूँ तुझे, जानूँ तुझे, जियूँ तुझे, चाहूँ तुझे
चाहूँ तुझे, जानूँ तुझे, जियूँ तुझे, चाहूँ तुझे
चाहूँ तुझे, जानूँ तुझे, जियूँ तुझे, चाहूँ तुझे

देखा है तुझको मैंने फ़िर से वो राहों में
हाथों में तेरे हाथ और किसी का
लगने लगा है मुझको अब तो ये अरसों से
पड़ गया मेरा प्यार फ़िर से फीका

तेरी खुशी ही चाहूँ, रब से भी यही माँगूँ
मिल जाए तुझको वो बहार
जो ख़्वाब देखे हमने, जी ले तू सारे सपने
पा ले तू सारी कायनात

चाहूँ तुझे, जानूँ तुझे, जियूँ तुझे, चाहूँ तुझे
चाहूँ तुझे, जानूँ तुझे, जियूँ तुझे, चाहूँ तुझे
चाहूँ तुझे, जानूँ तुझे, जियूँ तुझे, चाहूँ तुझे
चाहूँ तुझे, जानूँ तुझे, जियूँ तुझे, चाहूँ तुझे

चाहूँ तुझे, जानूँ तुझे, जियूँ तुझे, चाहूँ तुझे
चाहूँ तुझे, जानूँ तुझे, जियूँ तुझे, चाहूँ तुझे



Credits
Writer(s): Soumyajit Guha
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