Paigaam

कुछ कहते सपने जीने की नयी उम्मीद देते
कुछ कहते सपने ख़ुद को ही ख़ुद से हैं छीन लेते
कुछ कहते सपने तो बस दिल का एक भरम है
पर मेरी माँ ने मुझको बोला था चल खुदपे यक़ीन लेके

सच दुनिया का काला, तेरे मुँह से निवाला
साले छीन लेंगे जब तक तू ज़िंदा है
इन्हें पता नी जो पिंजरे में बंद है
वो उड़ना भी जानता है नादान परिंदा है
बस ख़ुद को तू आंक रा है
रास्तों को भाँप रा है
ग़ुस्से से काँप रा है
नाप रा है ख़ुद की औक़ात
जो इनसब से परे है
तभी तो आँखों में ख़ाब लेके तू अभी ज़िंदा है

लंगड़े घोड़े की चाल लेके चल
चाहे बेच दे ज़मीन पर ईमान लेके चल
विधि का यही है छोटे तू विधान लेके चल
वही आँसुओ से भीगा तू रूमाल लेके चल
गिर जाएगा तो कोशिशें तमाम लेके चल
रख जेब में तू पैसा थोड़ा दान देके चल
मेरी बात सुन, मेरा ये पैग़ाम लेके चल
कर ग़लतियाँ कम होना पड़े शर्मिंदा है

काफ़िराना
ये सपना नहीं
कोई अपना नहीं
तेरे सिवा
आशियाना
ये टूटा नहीं
मैं झूठा नहीं
तू रास्ता दिखा
(हाँ)

है अभी
तू हारा नहीं
बेचारा नहीं
सहारा नहीं
है अभी
तू हारा नहीं
बेचारा नहीं
सहारा नहीं
(हाँ)

जिस दिन पूरी दुनिया ये दगा देगी
बस उसी दिन तेरी मौत तुझे जगा देगी
जिसके पीछे तू सब कुछ हारेगा
वही तुझे हराके तेरी लंका भी लगा देगी
तेरी ये सादगी कर तुझे तबाह देगी
दुखती जो रग तेरी वही आके दबा देगी
खड़ा तू होगा तेरी हार के क़रीब
तुझे बन ना परहलाद, तुझे बन ना दरिंदा है

काफ़िराना
ये सपना नहीं
कोई अपना नहीं
तेरे सिवा
आशियाना
ये टूटा नहीं
मैं झूठा नहीं
तू रास्ता दिखा
(हाँ)



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