Bazaar

आसमां के आगे बादलों के पार
चल रहा है एक ऐसा व्यापार
ना रुपए की कीमत ना धन का अंबार
चल रहा है एक ऐसा व्यापार
जहां आंसुओं को खुशियों में
बंदिशों को आज़ादियों में
और दुखते लम्हों को मदहोशियों में
तोल रहे है
हो सुबह तो देना मुस्कानें उधार
रात हो तो आना सपनों के बाज़ार
और बांध के सब शिकायतों को
छोड़ जाना गर्दिशों में
और रखना मीठी सी फरमाहिशें तुम
चांद के आगे

अज़ाबों के बदले राहतें मिलेंगी
टूटे ख्वाबों के बदले रोशनी मिलेगी
और मिलेगा जहां बंदिशों से रिहा
जहां होगी नई मेरी दास्तां

(बाजार ऐसा है कहां)

आसमां के आगे बादलों के पार
है कहीं पे सपनों का बाज़ार



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