Apna Aasman

तू ना कह कर भी सब कुछ कहे
मैं समझ जाता था
कुछ कदम ही चल के
फिरसे लौट आता था

मेरे हाथों में जगह थी
तेरे हाथों की, तेरे नाम की
(Hmm)

अपना ही वह शहर, अपनी गली थी
और अपने ही जैसे रंग का आसमान था

जब चलते थे हम
हाथ थाम कर एक रास्ते पे
उस रास्ते पे बस हां
अपनी हसी होती थी

अपना ही वह शहर, अपनी गली थी
और अपने ही जैसे रंग का आसमान था

अपना ही वो शहर
और अपनी ही थी वो गली
और अपने ही जैसे रंग का आसमान था

जब चलते थे हम हाथ थाम कर
उस रास्ते पे, उस रास्ते पे हसी होती थी



Credits
Writer(s): Arpit Meena
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