Kya Mera Hi Dil

आदत बन चूकी है तेरी
जान के ख़ता करना
आता है तुझे धड़कनों से
दिल को जुदा करना

आदत बन चूकी है तेरी
जान के ख़ता करना
आता है तुझे धड़कनों से
दिल को जुदा करना

हाँ, सामने देखता मैं रहा
ख्वाहिशों के बुझते दीये

क्या मेरा ही दिल मिला तुझको?
तोड़ने के लिए
क्या मेरा ही दिल मिला तुझको?
तोड़ने के लिए

क्या तूने अपनाया था मुझको?
छोड़ने के लिए
क्या मेरा ही दिल मिला तुझको?
तोड़ने के लिए, तोड़ने के लिए

कभी इरादा था तुझको पाने का
अब कोशिश है भूल जाने की
कभी इरादा था तुझको पाने का
अब कोशिश है भूल जाने की

हम जो थे वो ही रहे
तुमने सोचा नहीं निभाने की
आ साथ ही में तो हूँ मैं तेरे
फिर करे इंतज़ार तू किसके लिए?

क्या मेरा ही दिल मिला तुझको?
तोड़ने के लिए
क्या मेरा ही दिल मिला तुझको?
तोड़ने के लिए
क्या तूने अपनाया था मुझको?
छोड़ने के लिए
क्या मेरा ही दिल मिला तुझको?
तोड़ने के लिए



Credits
Writer(s): Amjad Nazakat Khan, Nadeem Nazakat Ali Khan, Fahim Nazakat Khan, Jawed Akhtar
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link