Pal Bhar To Thehro

जाना है तो जाओ ज़रूर
रहना है तो रह लो दूर

जाना है तो जाओ ज़रूर
रहना है तो रह लो दूर
है काफ़ी बातें जो दिल में दबी हैं
कप-कपती साँसों में आके रुकी हैं
थोड़ा सब्र तो करो

पल भर तो ठहरो सुकूँ मिल जाए दिल को
पल भर तो ठहरो सुकूँ मिल जाए दिल को
फिर अपनी राह मैं चल दूँ
तुम अपनी राह चलो
पल भर तो ठहरो सुकूँ मिल जाए दिल को

मुझे पता है (मुझे पता है) मेरी खता है (मेरी खता है)
तूने भी तो (तूने भी तो) की ना वफ़ा है (की ना वफ़ा है)
ग़लतियाँ होती (हो) रिश्तों में अक्सर (रिश्तों में अक्सर)
एक और गलती से मिलता ही क्या है (मिलता ही क्या है)

सुलझा ही लेंगे इन गुत्थियों को
'गर ये सुलझे तब सोचे क्या हो
थोड़ा सब्र तो करो

पल भर तो ठहरो सुकूँ मिल जाए दिल को
पल भर तो ठहरो सुकूँ मिल जाए दिल को
सुकूँ मिल जाए
पल भर मिल जाए, सुकूँ मिल जाए
पल भर मिल जाए



Credits
Writer(s): Prashant Ingole
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