Girta Sambhalta

कभी छुपता
कभी धप्पा करता
करता मनमर्ज़ी
कभी सुन भी लेता

तुझे देख कर ये दिल गिरता-सँभलता

गिरता-सँभलता

बे-परवाह, बे-परवाह, बे-परवाह, बे-परवाह
गिरता-

चाहता है ये तुझको
ना-समझ को ना समझ है
जो तू जाने सच को और ना लौटे
ये फ़िकर है

आगे बढ़ता, थोड़ा ठिठरता
तुझे देखकर ये दिल गिरता-सँभलता

गिरता-सँभलता, सँभलता, सँभलता, सँभलता
बे-परवाह, बे-परवाह, बे-परवाह, बे-परवाह
तुझे देखकर ये दिल...



Credits
Writer(s): Nayantara Bhatkal, Aditya Narayan, Chakori Dwivedi
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