Tumhe Na Chahne Ko

तुम्हें ना चाहने को दिल मेरा बहुत करता है
तुम्हें ना चाहने को दिल मेरा बहुत करता है
फिर भी क्यूँ तुम पे ही दिल मेरा मरता है?
तुम्हें ना चाहने को दिल मेरा बहुत करता है

मुद्दतों से तुम्हीं ने कितने दर्द दिए
मुद्दतों से तुम्हीं ने कितने दर्द दिए

और तुम से ही मेरा हर ज़ख़म भरता है
फिर भी क्यूँ तुम पे ही दिल मेरा मरता है?
तुम्हें ना चाहने को दिल मेरा बहुत करता है

आशिक़ हैं मेहरबाँ मुझ पे और कई
आशिक़ हैं मेहरबाँ मुझ पे और कई

क्यूँ मगर आशिक़ दिल मेरा बस तुम से भरता है?
बोलो, क्यूँ तुम पे ही दिल मेरा मरता है?
तुम्हें ना चाहने को दिल मेरा बहुत करता है



Credits
Writer(s): Shashwat Sachdev
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