Behta Rahu

बहेता रहूं
तेरी आंखों के
दरिए मैं

कोई शाम है
भीगे रंगो से
आकाश में

तू ऐसा चित्र है
सभी को भाए
जैसे
आकाश के तारे
विंसेंट ने गाए

फिर भी तू
गुमनाम है
खामोश मैं।



Credits
Writer(s): Raj Modi
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