Choo Liya

Hmm-umm, तेरे लिए बहार छोड़ी
सावन की फुहार छोड़ी
तब जाके तुझको है पाया

मेरे दिल का राज़ है ये
मुझे ख़ुद पे नाज़ है ये
मैंने तुझको आसमाँ से चुराया

तू मेरी ग़ज़लों का है क़ाफ़िया
तू ही मेरे गीतों का पिया

जब से तूने मुझे होंठों से छू लिया

होंठों से छूँ लिया

Hmm, बैठी तू मेरे बगल हो
जाने कितनी बार इस पल को
मैंने अपने मन में दोहराया

हो, सब को परेशान कर दूँ
जी चाहे एलान कर दूँ
सपना मेरा ये सच हो आया

तू ना जाने किस क़दर पिया
मुझको पागल सा कर दिया

जब से तूने मुझे होंठों से छू लिया

पहली दफ़ा है ये, जो भी हुआ है ये
बोलो लम्हों को ठहरने को
मुझको तेरी ज़ुल्फ़ों के साए में रहने दो
ढलती हैं शामें, ढलने दो

तेरी इन बाँहों की क़ैद से
होना ना चाहूँ मैं रिहा

जब से तूने मुझे होंठों से छू लिया

होंठों से छू लिया
होंठों से छू लिया



Credits
Writer(s): Anubhav Bhadauria, Gurpreet Saini, Rochak Kohli, Sameer Kaushal
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