Manzar

दूर चलते रहूं
जहाँ न हो अंधेरा
तय करूं ये सफ़र
अब चाहे दिल मेरा
दूर चलते रहूं
जहाँ न हो अंधेरा
तय करूं ये सफ़र
अब चाहे दिल मेरा

एक ख्वाब है
एक सोच है
नज़ाने कहाँ से आयी है दिल में
एक ख्वाब है
एक सोच है
सोच जो खुद पे ही है रुकी

ये मंज़र नयी
है थोड़ी अधूरी
नज़ाने लाई किधर
ये मंज़र वही
है फ़ितरत नयी
मिलाये अपने रूह से

अधूरा था
अधूरा हूँ
अपने ही खुदकी खोज में चला
जानते हुए कि
है रास्ते अधूरे
दिल किनारों से वाकिफ मैं हुआ

एक ख्वाब है
एक सोच है
नजाने कहाँ से आई है दिल में
एक ख्वाब है
एक सोच है
सोच जो खुद पे ही है रुकी

ये मंज़र नई
है थोड़ी अधूरी
नजाने लायी किधर
ये मंज़र वही
है फ़ितरत नई
मिलाए अपने रूह से
ये मंज़र नई
है थोड़ी अधूरी
नजाने लायी किधर
ये मंज़र वही
है फ़ितरत नई
मिलाए अपने रूह से

हाँ



Credits
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link