Mere Sab Gunāh

मेरी आसुओं की ज़बान
तेरी आँखों से है बयान
मेरी रूह का बसर
तेरी छाँव में
ऐ मेरे हमनावा

कल फिर मैं गिरा
तुझसे दूर हुआ
लेकिन तेरे इन हाथों ने
मुझको उठा लिया
मेरी दुआ
तू ही ख़ुदा
तेरे पास आया हूं
लेकर सब गुनाह

दुखी बेबस कमज़ोर मैं
मुड़ा आज तेरी ओर मैं
तेरा रहम जो मुझको मिला
तुझको पा लिया
मेरी दुआ
तू ही ख़ुदा
तेरे पास आया हूं
लेकर सब गुनाह

लिखी ख़ूँ से जो थी तेरी
ना कोई और थी दास्तान
तेरी मोहब्बत का फ़ल्सफ़ा
पुकारता था वहाँ
मेरी दुआ
तू ही ख़ुदा
तेरे पास आया हूं
लेकर सब गुनाह

मेरी दुआ
तू ही ख़ुदा

तेरे पास आया हूं
लेकर सब गुनाह



Credits
Writer(s): Navneet Kedar
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