Gumraah Title Track (From "Gumraah")

देता है धोखा हर दिन
ढूँढे एक मौक़ा (एक मौक़ा)
करना भरोसा मुश्किल
किधर लगेगा "हाँ" से निशाना

चेहरों पे सब के चेहरा
आँखों में आए पर्दा
हर कहीं छाए कोहरा
सारी हैं राहें गुमराह

(गुमराह)

क्या जुर्म है? क्या रही है वजह?
इतना तो हमको है पता
क्यूँ नहीं मिल रही फिर सज़ा?
है जाल से तुझे भी झुकाना

चेहरों पे सब के चेहरा
आँखों में आए पर्दा
हर कहीं छाए कोहरा
सारी हैं राहें गुमराह

(गुमराह)

(गुमराह)



Credits
Writer(s): Abhijit Vaghani, Bhrigu Parashar
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