Kahaniyan

घोड़े मर चुके हैं, गा रहे हैं झींगुर यहाँ
टूटे सारे तारे मिल ना पाएँगे किनारे अब यहाँ
ढूँढ ले दो पत्थर, आग ही लगा ले, चल, यहाँ

रात बह रही है, तू चलने दे कहानियाँ
रात कह रही है, "तू चलने दे कहानियाँ"

काला आसमाँ है, सर्द हैं हवाएँ भी यहाँ
क्या पता है कल का, आएँ या ना आएँ हम यहाँ
लालटेन उठा के घूमते हैं जुगनू जहाँ
चाँद ले गया है तारों को घुमाने फिर कहाँ?

रात बह रही है, तू चलने दे कहानियाँ
रात कह रही है, "तू चलने दे कहानियाँ"



Credits
Writer(s): Aditya A
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