Vijayi Bhava (From "Ib 71")

अंगारो से ना डरें
बनके बादल हैं चले हैं
मौत से आँख मिलाके
अपनी मंज़िल को बढ़े हैं

जलती आग को राख़ करके
दुश्मनों को हम ख़ाक करके
बढ़ते-बढ़ते हम आगे बढ़ते
जीत की राह पे (राह पे)

धड़कनों में तूफ़ान भरके
हर फ़तेह को अपने नाम करके
मौत को भी हम मात देके
लड़ते जा रहे (जा रहे)

विजयी विजयी विजयी भवः

विजयी विजयी विजयी भवः
विजयी विजयी विजयी भवः

जब तक दम, तब तक लड़ें
अपनी ही ज़िद पे अड़ें (हो, अड़ें)
ज़ंजीरें तोड़के सारी
सरहद के आगे चलें

विजयी भवः रहे सदा
हर नतीजे अपने हक़ में करके
विजयी भवः रहे सदा
ख़ून में चलें बारूद भरके

विजयी भवः रहे सदा
हर नतीजे अपने हक़ में करके
विजयी भवः रहे सदा
ख़ून में चलें बारूद भरके

विजयी विजयी विजयी भवः
विजयी विजयी विजयी भवः
विजयी विजयी विजयी भवः
विजयी विजयी विजयी भवः

विजयी भवः, विजयी भवः
विजयी भवः, विजयी भवः



Credits
Writer(s): Vikram Noel Montrose, Abhinav Shekhar
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