Dil Hai Ke Manta Nahin

दिल है कि मानता नहीं
दिल है कि मानता नहीं
मुश्किल बड़ी है रस्मे मोहब्बत
यह जानता ही नहीं

ओ, दिल है कि मानता नहीं
दिल है कि मानता नहीं
यह बेकरारी क्यूं हो रही है
यह जानता ही नहीं

ओ, दिल है कि मानता नहीं
दिल है कि मानता नहीं

दिल तो यह चाहे
हर पल तुम्हे हम
बस यूंही देखा करे
मारके भी हम न तुमसे जुदा हो
आओ कुछ ऐसा करे
मुझ में समा जा
आ पास आ जा
हमदम मेरे हमनशीं
दिल है कि मानता नहीं
दिल है कि मानता नहीं

तेरी वफ़ाएं, तेरी मुहब्बत
सब कुछ है मेरे लिए
तूने दिया है नज़राना दिल को
हम तो है तेरे लिए
यह बात सच है सब जानते है
तुमको भी है यह यकीन
दिल है कि मानता नहीं
दिल है कि मानता नहीं
मुश्किल बड़ी है रस्मे मोहब्बत
यह जानता ही नहीं

ओ, दिल है कि मानता नहीं
दिल है कि मानता नहीं



Credits
Writer(s): Jaskaran Brar, Kumar Sanu
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