Thank You

ज़िंदगी में कितनी चीज़ें ख़ुशी-ख़ुशी रहने को
पर मेरी ख़ुशी तुझपे टिकी हुई है क्यूँ?
ज़िंदगी में कितनी बातें रह गई थी करने को
पर मेरी बातें तुझी पे रुकी हुई है क्यूँ?

Hmm, निकल के झाँकना, हाँ, बाहर मेरी खिड़की से
बदला-बदला सा है समाँ
अब कभी पड़ना नहीं इन सारे चक्करों में
करनी नहीं ज़िंदगी तबाह

हाँ, हाँ, ख़ुश रहना मैंने तुझसे ही सीखा है
ऐसा सिखाया तूने, मज़ा बड़ा आ गया
जैसे तू जी रहा था, वैसे ही तो जीना था
अब मेरा कल, मुझे और नहीं सता रहा

हाँ, ख़ुश रहना मैंने तुझसे ही सीखा है
ऐसा सिखाया तूने, मज़ा बड़ा आ गया
जैसे तू जी रहा था, वैसे ही तो जीना था
अब मेरा कल, मुझे और नहीं है खा रहा

कैसी कहानियाँ फैला रहा है तू
इससे पता नहीं तुझे क्या ही मिलेगा
जा-जा के सबको सुना रहा है तू
इससे पता नहीं तुझे क्या ही मिलेगा

यही बचपना तेरा जो कभी अच्छा लगता था
वो ही खा रहा है मुझे आजकल
सबसे सुंदर चेहरे, सबसे काली रातें दे जाते हैं
अब आ गई है मुझको अकल

Hmm, अब मेरी ज़िंदगी में चीज़ें काफ़ी कहने को
और सुनने वाले भी वो तेरे हैं खड़े यहाँ
कर देंगे कुछ भी एक इशारे पे मेरे लिए
वो तेरे जैसे नहीं उठाते मेरा फ़ायदा

हाँ, अब जो मैं आ गई हूँ बाहर मेरे सदमे से
बदलूँगी पूरा ये जहाँ
हाँ, आएगा तू भी एक दिन मेरे क़दमों में
कर दूँगा तुझको फ़ना

हाँ, हाँ, ख़ुश रहना मैंने तुझसे ही सीखा है
ऐसा सिखाया तूने, मज़ा बड़ा आ गया
जैसे तू जी रहा था, वैसे ही तो जीना था
अब मेरा कल, मुझे और नहीं सता रहा

हाँ, ख़ुश रहना मैंने तुझसे ही सीखा है
ऐसा सिखाया तूने, मज़ा बड़ा आ गया
जैसे तू जी रहा था, वैसे ही तो जीना था
अब मेरा कल, मुझे और नहीं है खा रहा



Credits
Writer(s): Aditya Bhardwaj
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