Raat

सच कहा है किसी ने
"टूटे दिल से निकलते हैं गीत"
इक दफ़ा इक बात हुई
छोड़ चला मुझे मेरा मीत

वो बिस्तर पर तकिए ने मेरे
आँसुओं का हिसाब रखा पूरा है
कोशिश भी ना की तूने समझने की
ये दिल तेरे बिन अधूरा है

मैं तो खोया और ना सोया
पर, हाँ, रोया हूँ रात-भर
मैं तो खोया और ना सोया
पर, हाँ, रोया हूँ रात-भर

बिख़रे से हो गए थे ख़्वाब तब
जब कह दिया था तुझको, "अलविदा"
आँखों में बेवफ़ाई देखी सब
क्या थी मेरी ख़ता, अब तू बता?

हाँ, क़िस्मत की इस कहानी पर
दुनिया ने मज़ा लिया जमके पूरा है
कोशिश भी ना की तूने समझने की
ये दिल तेरे बिन अधूरा है

मैं तो खोया और ना सोया
पर, हाँ, रोया हूँ रात-भर
मैं तो खोया और ना सोया
पर, हाँ, रोया हूँ रात-भर

मैं तो खोया और ना सोया
पर, हाँ, रोया हूँ रात-भर, hmm



Credits
Writer(s): Dikshant
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