Khwab - Reprise

बिना कुछ कहे जो तू नज़रों से सब कह जाती है
तू फ़ुर्सत मेरी, ख़्वाब तेरे दिखलाती है

तेरे पास मैं, मेरे पास तू
अकेला हूँ तो ही तेरे साथ हूँ
मैं टूटा तारा, है चाँदनी रात तू

जो मैं रात हूँ, तो तू ख़्वाब है
जो मैं ख़ाली पन्ना, तू अल्फ़ाज़ है
मैं खोया मुसाफ़िर तो तू छाँव है
ये पहली मोहब्बत का एहसास है

जो मैं रात हूँ, तो तू ख़्वाब है
जो मैं ख़ाली पन्ना, तू अल्फ़ाज़ है
मैं खोया मुसाफ़िर तो तू छाँव है
ये पहली मोहब्बत का एहसास है

तेरे सिवा है जाना कहाँ?
बड़ा ख़ूबसूरत है ये सिलसिला
है तेरे लिए ही मेरी हर वफ़ा
तू मेरा जहाँ, तू मेरा जहाँ

जो रूठे भी तो ना जाना कहीं
मैं तेरा था कल, मैं तेरा अभी

जो मैं रात हूँ, तो तू ख़्वाब है
जो मैं ख़ाली पन्ना, तू अल्फ़ाज़ है
मैं खोया मुसाफ़िर तो तू छाँव है
ये पहली मोहब्बत का एहसास है

जो मैं रात हूँ, तो तू ख़्वाब है
जो मैं ख़ाली पन्ना, तू अल्फ़ाज़ है
मैं खोया मुसाफ़िर तो तू छाँव है
ये पहली मोहब्बत का एहसास है



Credits
Writer(s): Aditya A, Deepanshu Raj
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