Manwa Bhaagey

चंचल-चपल चकोर सा
पंख फैलाए तकता जाए
चाँद को पाने की चाहत में
आवारा पंछी उड़ता जाए

बेक़ाबू, बेपरवाह उड़े
मैं पीछे, ये आगे

मनवा भागे, मनवा भागे
मनवा भागे, मनवा भागे

पगला परेशाँ पतंग सा
बिना डोर फिरता है रंग सा
आकाश को छूने की हट लिए
तारों से पूछे उसका पता

बावरा ये बंजारा सा डोले
मैं पीछे, ये आगे

मनवा भागे, मनवा भागे
मनवा भागे, मनवा भागे

हो, लाख मनाया मैंने, कितनी ख़ुशामदी की
मेरा होकर भी मेरे बस में नहीं

अपने ही मन का मालिक है मन मेरा
गिरता, सँभलता, फिसलता है मन मेरा
स्वच्छंद सा, दबंग सा है मन मेरा
जैसा भी है ये, है मेरा

(भागे, भागे)
मनवा भागे, मनवा भागे
मनवा भागे, मनवा भागे

मनवा भागे, मनवा भागे
मनवा भागे, मनवा भागे



Credits
Writer(s): Vasuda Sharma, Vasudasharma
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