KHU

दिखाई ना दे ऐसा एक रास्ता
सुनाई ना दे ऐसी एक आवाज़
चढ़ाईयों पे आके ख़ुद है लापता
सियाहियों में उजला है सराब

शिकन बढ़ी तो ढूँढता है अर्थ को
मिला नहीं तो मूँद के दिखा सफ़ा
इन आफ़तों में आप की रिहाई है
जगा नहीं तो हौंसले बढ़ा

खूँ खूँ

तमाम उम्र ओढ़ के रहा लिबास
उतार के तू उड़ रहा है बेहिसाब
पकड़ रही जो बंदिशें वो पीछे है
संभल सके तो आग तू दिखा ज़रा

तबाहियों में मिल रहा नया निशां
इन आतिशों में रात की रज़ा
शिकस्त होते ख़्वाब के तू ले मज़े
उड़ान है तो उड़ के देख पार

खूँ खूँ



Credits
Writer(s): Dream Note
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link