Chaand

आज रात, चाँद, बात करना मेरे दिल से
आज रात, चाँद, बात करना मेरे दिल से
बादलों में था छुपा हुआ तू कितने दिन से
बादलों में था छुपा हुआ तू कितने दिन से

चाँदनी मरहम बना के आज फेंकना
दर्द हो ज़रा ये कम, हँसा के भेजना

(आज रात, चाँद, बात करना मेरे दिल से)

कुछ मैं दिनों से सो नहीं हूँ पा रहा
है समंदर भी शोर-ग़ुल मचा रहा
कनखी से हवाएँ हैं सनी हुई
दे-दे मुझको तू चैन वाली ओढ़नी

फ़र्श ठंडा पड़ा है, नम सी ये हवा है
पलकों पर ये बैठे ख़्वाब भी हैं कैसे

आज रात, चाँद, बात करना मेरे दिल से
आज रात, चाँद, बात करना मेरे दिल से
बादलों में था छुपा हुआ तू कितने दिन से
बादलों में था छुपा हुआ तू कितने दिन से

चाँदनी मरमह बना के आज फेंकना
दर्द हो ज़रा ये कम, हँसा के भेजना

आज रात, चाँद, बात करना मेरे दिल से
आज रात, चाँद, बात करना मेरे दिल से



Credits
Writer(s): Rajarshi Sanyal, Inderpreet Singh
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