Daulat Shohrat Kya Karni (LoFi Trip 2.0)

दौलत-शोहरत क्या करनी
तेरे प्यार का सहारा काफ़ी है

प्यार तो है एहसास, जहाँ पर
वो जीते बस जो हारे
खेल नहीं, कोई शर्त नहीं
एक आग है तो जलता जा रे

ताज-हुकूमत नहीं चाहिए
मुझे ताज-हुकूमत नहीं चाहिए
तेरे नाम का सहारा काफ़ी है

दौलत-शोहरत क्या करनी?
तेरे प्यार का सहारा काफ़ी है
ये महल-अटारी नहीं चाहिए
तेरे दिल में गुज़ारा काफ़ी है

दौलत-शोहरत क्या करनी



Credits
Writer(s): Kailash Kher
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