Surajmukhi

तू सूरजमुखी सा, चंदा मैं हूं या हूं सूरज
यूं ताके मुझको, मुड़े मेरी ओर, जहां भी मैं जाऊं

बागों में तू खिलती, रखने का मन करे है तुझको
तोड़ ना पाऊं, पर मेरे पास रखना भी चाहूं

सुबह को तितलियों के साथ
राह देखता तू मेरी, और मेरे आते ही
खिलता तू इस तरह, की महके ये पुरा बाग

रातों में जूगनुओं के साथ
बातें करता है तू मेरी, तेरे संग की
और फिर करता है तू मुझसे क्यों ये फरियाद

कोई तुझको जो छू ले, तोड़ने को आए पास
डर मैं जाऊं, खोने से तुझको सहम सा मैं जाऊं

बागों में तू खिलती, रखने का मन करे है तुझको
तोड़ ना पाऊं, पर मेरे पास रखना भी चाहूं



Credits
Writer(s): Nayak Jaimin
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link