Bhulaun Kaise

तेरी हज़ारों तस्वीरें मैं मन से मिटाऊं कैसे
तुझको मैं इतना चाहूँ के मैं चाहूँ भी तो भुलाऊं कैसे

तेरी हज़ारों तस्वीरें मैं मन से मिटाऊं कैसे
तुझको मैं इतना चाहूँ के मैं चाहूँ भी तो भुलाऊं कैसे

तू किसी खज़ाने सा मेरे मन में है छुपा
तू किसी ताराने सा मेरे होठों पे है बसा
तू बन लहू मेरी नस नस में है घुल चुका
तू किसी कहानी सा मेरे जीवन में है लिखा
तुझको इन पन्नों से मैं मिटाऊं भी तो मिटाऊं कैसे
क्या है तू मेरे खातिर मैं बताऊँ भी तो बताऊँ कैसे
तेरी हज़ारों तस्वीरें मैं मन से मिटाऊं कैसे
तुझको मैं इतना चाहूँ के मैं चाहूँ भी तो भुलाऊं कैसे

तू मेरे बदन से लिपटा हुआ है
तू मेरी रूह में बस चुका है
तू मेरे जीने की वजह है
तू क्यों अन्धेरों में बढ़ रहा है

तुझको इन अंधेरों से मैं बचाऊं भी तो बचाऊं कैसे
तुझको इन अंधेरों में छोड़ जाऊं भी तो जाऊं कैसे
तेरी हज़ारों तस्वीरें मैं मन से मिटाऊं कैसे
तुझको मैं इतना चाहूँ के मैं चाहूँ भी तो भुलाऊं कैसे



Credits
Writer(s): Pranay Dwivedi
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link