Hariyala Sawan Dhol Bajata Aaya

उड़-तग-तग-तग-तग-तगिन-तगिन-गिन-गिन रे
उड़-तग-तग-तग-तग-तगिन-तगिन-गिन-गिन रे
उड़-जग-जग-जग-जग-जगिन-जगिन-गिन-गिन रे

उड़-जग-जग, उड़-जग-जगिन
उड़-तग-तग, उड़-तग-तगिन
उड़-जग-जग, उड़-जग-जगिन
उड़-जग-जग-जग

हरियाला सावन ढोल बजाता आया
धिन-तक-तक, मन के मोर नचाता आया
हरियाला सावन ढोल बजाता आया
धिन-तक-तक, मन के मोर नचाता आया
मिट्टी में जान जगाता आया
धरती पहनेगी हरी चुनरिया, बनके दुल्हनिया

हो, एक अगन बुझी (एक अगन लगी)
मन मगन हुआ (एक लगन लगी)
आई-आई, आई रे आई
आई, आई रे आई

हरियाला सावन ढोल बजाता आया
धिन-तक-तक, मन के मोर नचाता आया
मिट्टी में जान जगाता आया
धरती पहनेगी हरी चुनरिया, बनके दुल्हनिया

हो (एक अगन बुझी, एक अगन लगी)
(मन मगन हुआ, एक लगन लगी)
आई-आई, आई रे आई
आई, आई रे आई

बैठ ना तू मन मारे
(जहाँ गगन चले)
(जहाँ पवन चले)
आजा, मिल-जुल के गाएँ जीवन का गीत नया

(एक अगन बुझी, एक अगन लगी)
(मन मगन हुआ, एक लगन लगी)
आई-आई, आई रे आई
आई, आई रे आई

ऐसी बीज बिछाओ रे
(सुख-चैन उगे, दुख-दर्द मिटे)
ऐसी बीज बिछाओ रे
(सुख-चैन उगे, दुख-दर्द मिटे)

नैनों में नाचे रे सपनों का धान हरा
नैनों में नाचे रे सपनों का धान हरा

हरियाला सावन ढोल बजाता आया
धिन-तक-तक, मन के मोर नचाता आया
मिट्टी में जान जगाता आया
धरती पहनेगी हरी चुनरिया, बनके दुल्हनिया

हो, एक अगन बुझी (एक अगन लगी)
मन मगन हुआ (एक लगन लगी)
आई-आई, आई रे आई
आई, आई रे आई

(आई-आई, आई रे आई)
(आई, आई रे आई)



Credits
Writer(s): Shailendra, Salil Chowdhari
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