Masroof Hum Bahut Hain

ये सोचना ग़लत है के तुम पर नज़र नहीं
ये सोचना ग़लत है के तुम पर नज़र नहीं

मसरूफ़ हम बहुत हैं, मगर, बे-ख़बर नहीं
मसरूफ़ हम बहुत हैं, मगर, बे-ख़बर नहीं
मसरूफ़ हम बहुत हैं, मगर, बे-ख़बर नहीं

हम आपके इशारे पे घर-बार छोड़ दें
हम आपके इशारे पे घर-बार छोड़ दें

दीवाने हैं ज़रूर, मगर, इस-क़दर नहीं
दीवाने हैं ज़रूर, मगर, इस-क़दर नहीं

मसरूफ़ हम बहुत हैं, मगर, बे-ख़बर नहीं

आ ही गए हैं ख़ाब तो फ़िर जाएँगे कहाँ
आ ही गए हैं...
आ ही गए हैं...
आ ही गए हैं ख़ाब तो फ़िर जाएँगे कहाँ

आँखों से आगे इनकी कोई रह-गुज़र नहीं
आँखों से आगे इनकी कोई रह-गुज़र नहीं

ये सोचना ग़लत है...
ये सोचना ग़लत है के तुम पर नज़र नहीं

मसरूफ़ हम बहुत हैं, मगर, बे-ख़बर नहीं
मसरूफ़ हम बहुत हैं, मगर, बे-ख़बर नहीं

मसरूफ़ हम बहुत हैं, मगर, बे-ख़बर नहीं



Credits
Writer(s): Shaan
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