Preet Laga Ke Maine

प्रीत लगा के मैंने ये फल पाया
सुध-बुध खोई, चैन गँवाया

तुमने मुझसे प्यार किया था
उल्फ़त का इक़रार किया था

अपना बना के पहले, फिर बिसराया
प्रीत का वादा ख़ूब निभाया

आके जो देखे तू दुख मेरे
आके जो देखे तू दुख मेरे
क्या ना बहेंगे आँसू तेरे

दुख दे के मुझको, तूने क्या सुख पाया?
तुझको बेदर्दी रहम ना आया

एक झलक फिर से दिखला दे
ख़्वाब में आ कर इतना बता दे

ज्योत बुझाकर इन नैनों की
किसके मन का दीप जलाया?
प्रीत लगा के मैंने ये फल पाया
सुध-बुध खोई, चैन गँवाया
चैन गँवाया, चैन गँवाया



Credits
Writer(s): Mohan Madan, Raja Mehdi Ali Khan
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