Sakhi Re

सखी रे
लागी है दिल को बड़ी ठेस
सखी रे
लागी है दिल को बड़ी ठेस
खोज ही लेंगे दर्द यह मुझ को
ओढ़ूँ जो भी भेस रे
सखी रे
लागी है दिल को बड़ी ठेस

न बना कोई हमनवा
न सुने कोई सदा
टूटे दिल की पीड़ न समझे
भेजूँ क्या संदेस

न बना कोई हमनवा
न सुने कोई सदा
टूटे दिल की पीड़ न समझे
भेजूँ क्या संदेस
भेजूँ क्या संदेस

ਧੀਆਂ ਰਾਣੀਆਂ
ਹਾਏ ਓ ਮੇਰੇ ਡਾਡਿਆ ਰੱਬਾ
ਕਿੰਨਾ ਜੰਮਿਆਂ ਕਿੰਨਾ ਨੇ ਲੈ ਜਾਣੀਆਂ

बंद आँखों मैं
क़ैद है सागर
फिर भी न रोए
वक़्त के आगे
खेल यह क़िस्मत का
बस समझा
हम ने न तोड़े
कच्चे धागे

मेरा ठिकाना
ग़म की नगरी
जाऊँ क्यों परदेस, हाए
सखी रे
लागी है दिल को बड़ी ठेस

न बना कोई हमनवा
न सुने कोई सदा
टूटे दिल की पीड़ न समझे
भेजूँ क्या संदेस

न बना कोई हमनवा
न सुने कोई सदा
टूटे दिल की पीड़ न समझे
भेजूँ क्या संदेस
भेजूँ क्या संदेस

कब बरसेंगे
ख़ुशियों के बादल
दाग़ यह दिल के
धुल जाएंगे
हम से जो बिछड़े
अपने पराए
भूल के रस्ता
मिल जाएंगे

तपती रेती
जैसा सावन
बरसे मोरे देस, हाए
सखी रे
लागी है दिल को बड़ी ठेस

न बना कोई हमनवा
न सुने कोई सदा
टूटे दिल की पीड़ न समझे
भेजूँ क्या संदेस

न बना कोई हमनवा
न सुने कोई सदा
टूटे दिल की पीड़ न समझे
भेजूँ क्या संदेस
भेजूँ क्या संदेस



Credits
Writer(s): Naveed Nashad, Qamar Nashad
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