Lafzon Mein - Reprise

हल्की सी बरसात में
पहली मुलाक़ात में

पहली ही बार में दिल को मेरे ले गई
चाहत के इक़रार में अनजाना ग़म दे गई
आई जब सामने, जाने क्यूँ वो डर गई
पागल मुझको कर गई, जान-ए-मन, जान-ए-जाँ

ना जाने क्या बात है
लगे कि दिन में रात है
ना जाने क्या बात है
लगे कि दिन में रात है

नशा ही नशा रात-दिन है (रात-दिन है)
ना पूछो, ये कैसा प्यार है

लफ़्ज़ों में कह ना सकूँ
बिन कहे भी रह ना सकूँ
लफ़्ज़ों में कह ना सकूँ
बिन कहे भी रह ना सकूँ

मेरा दिल (मेरा दिल)
मेरी जाँ (मेरी जाँ)
मैं यहाँ, तू है कहाँ?

मैं देखूँ मुड़ के जिधर, आए मुझे तू नज़र
कहती हैं चाहतें, दीवाना मैं हो गया
तेरी चाहत में, सनम, ना जाने कब खो गया
ये कैसा है असर, मुझको ना इतनी ख़बर
कब जागा, कब सो गया, जान-ए-मन, जान-ए-जाँ

ना जाने क्या बात है
लगे कि दिन में रात है
ना जाने क्या बात है
लगे कि दिन में रात है

नई है सुबह तो नई शाम
अजब हाल मेरा यार है

लफ़्ज़ों में कह ना सकूँ
बिन कहे भी रह ना सकूँ



Credits
Writer(s): Biddu
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