Khud-Garzi (feat. Akanksha)

तेरे बिना मैं जाऊँ कहाँ
तेरे सिवा न कोई यहाँ
(कोई यहाँ)
तेरे बिना मैं जाऊँ कहाँ
तेरे सिवा न कोई यहाँ
(कोई यहाँ)

किस्सा ये पहले भी लिखा
हादसा ये पहले भी हुआ
माफ़ करना कुछ न अब बचा
ये रिश्ता अब ख़तम हुआ
किस गलती की है ये सज़ा
ये करने की कोई वजह?
तेरे पास कुछ है अब बचा?
तो तू बता हाँ हाँ

मेरे बात का जवाब नहीं चल कोई बात नहीं
कभी था नहीं,अब वो रात गयी
तू ना अब है कहीं जब की तू है देख रही
अब क्यों तड़प रही? जो हो रहा अब है सही
है, है सही
हूँ मैं गलत पर तू नहीं
चल कोई नहीं
हाँ चल कोई नहीं

तेरे बिना मैं जाऊँ कहाँ
तेरे सिवा न कोई यहाँ
ज़ख़्म तुझे था मैंने दिया
तुझे बिखरते हुए देखा
तेरे बिना मैं जाऊँ कहाँ
तेरे सिवा न कोई यहाँ
ज़ख़्म तुझे था मैंने दिया
तुझे बिखरते हुए देखा

दिया सब कुछ जो था मेरे पास
मुझे याद अब क्यूँ करे आज
जब छोड़ा तूने साथ मुझे तोड़ा तूने यार
कितने बार लगातार मैं हारा हर बार
ये था तेरा प्यार धोखे का संसार
दो नाव मैं सवार डूबे सारे ख्वाब
बस मतलब का था साथ खुदगर्ज़ी की किताब
और नाटक उसके बाद
कैसे तू शिकार

जब निकला उस ज़ंज़ीर से
पाया खुद को दुनिया के बीच मैं
ले आये है ये कदम मुझे
खुद से मिला-ने के लिए
अब हूँ मैं यहाँ पे खड़ा
अब खुद पे नाज़ है बड़ा
खौफ़ ना कोई है यहाँ
तेरे जैसे ना यहाँ

तेरे बिना मैं जाऊँ कहाँ
तेरे सिवा न कोई यहाँ
ज़ख़्म तुझे था मैंने दिया
तुझे बिखरते हुए देखा
तेरे बिना मैं जाऊँ कहाँ
तेरे सिवा न कोई यहाँ
ज़ख़्म तुझे था मैंने दिया
तुझे बिखरते हुए देखा

तेरे बिना मैं जाऊँ कहाँ
तेरे सिवा न कोई यहाँ
ज़ख़्म तुझे था मैंने दिया
तुझे बिखरते हुए देखा
तेरे बिना मैं जाऊँ कहाँ
तेरे सिवा न कोई यहाँ
ज़ख़्म तुझे था मैंने दिया
तुझे बिखरते हुए देखा

तेरे बिना मैं जाऊँ कहाँ
तेरे सिवा न कोई यहाँ
ज़ख़्म तुझे था मैंने दिया
तुझे बिखरते हुए देखा
तेरे बिना मैं जाऊँ कहाँ
तेरे सिवा न कोई यहाँ
ज़ख़्म तुझे था मैंने दिया
तुझे बिखरते हुए देखा



Credits
Writer(s): Ankit Joyes Minj, Milind Richard Horo
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