Nazaare

आज भी कमी तेरी
जो हर कहीं खल रही
हाथ पर तेरे निशान
जो हैं हुए ग़म कहीं

मिलने के थे जो वह बहाने
मानते क्यों थे सच वो सारे
दिल में जगह थी जब तेरे वो ना

देखूँ मैं जब भी वो नज़ारे
याद करूँ मैं पल वो सारे
जो थे कभी हमने गुज़ारे हाँ

पता नहीं था के वो पल
जो थे वो थे आख़री
जो बोल देता मैं तुझे न जा
तू रह जा यहीं

वक़्त की सारी थी ये बातें
वाक़िफ़ हुए जो इस तरह से
थी जो चुभन इन
धड़कनों में हाँ

मिलने के थे जो वह बहाने
मानते क्यों थे सच वो सारे
दिल में जगह थी जब तेरे वो ना

देखूँ मैं जब भी वो नज़ारे
याद करूँ मैं पल वो सारे
जो थे कभी हमने गुज़ारे हाँ



Credits
Writer(s): Ayush Gupta
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