Duniya Tu Shaatir Hae - From "Kadak Singh"

END
दुनिया तू शातिर है, विश्वास घाती है
दौलत के दलदल में कश्ती चलाती है
लालच अमीरों की, वैसी वज़ीरो की
पानी में बहती है, लाशें ज़मीरो की
ये जो उजाला है, अंदर के काला है
पापी अंधेरे को सूरज ने पाला है
अमृत के प्यालों में तू विश मिलाती है
दुनिया तू शातिर है, विश्वास घाती है
चेहरे पे चेहरा है, ये राज़ गहरा है
चेहरे पे चेहरा है, ये राज़ गहरा है
दरिया लुटेरों का, पानी पे बह रहा है
सब धोके-बाज़ी है, सब जाल-साज़ी है
मतलब के मस्जित में नंगा नमाज़ी है
कब्रों से रोने की आवाज़ें आती है
दुनिया तू शातिर है, विश्वास घाती है



Credits
Writer(s): Shantanu Moitra, Tanveer Ghazi
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