Manzoor Hai

देखूँ मैं जिधर भी, तू दिखे
ये नज़र तुझी पे क्यूँ रुके?
इश्क़ की रवानी कह रही, हाय
"तेरे साथ चलना है मुझे"

वो तमाम बातें तेरी, याद करती रातें मेरी
समझाऊँ कैसे तुझे?

तेरी सभी शर्तें मंज़ूर हैं (मंज़ूर हैं)
सारी शर्तें मंज़ूर हैं
है यही इल्तिजा मेरी, कि जब तुम बनो मेरी
बस इस तरह मुझे चाहना तुम भी
तेरी सभी शर्तें मंज़ूर हैं
तेरा फ़ैसला मंज़ूर है, तेरा हर कहा मंज़ूर है
मंज़ूर है, मंज़ूर है (बारहा)
तू ख़ुदा मेरा, तू ही नूर है
तेरा हर कहा मंज़ूर है
मंज़ूर है, मंज़ूर है हर दफ़ा

है यही इल्तिजा मेरी, कि जब तुम बनो मेरी
बस इस तरह मुझे चाहना तुम भी
ज़ाहिर करूँ लफ़्ज़ों में कैसे मैं सभी?
ख़्वाहिशात मेरी समझो बिन कहे कभी
इज़्तिरार सा रहता है, इख़्तियार सा खोता है
तुम ना मिलो जब कभी

तेरी सभी शर्तें मंज़ूर हैं
सारी शर्तें मंज़ूर हैं

तेरा फ़ैसला मंज़ूर है, तेरा हर कहा मंज़ूर है
मंज़ूर है (मुझे मंज़ूर है बारहा)
तू ख़ुदा मेरा, तू ही नूर है (तू नूर है)
तेरा हर कहा मंज़ूर है (मंज़ूर है)
मंज़ूर है, मंज़ूर है (हर दफ़ा)

है ये इल्तिजा मेरी, कि जब तुम बनो मेरी
बस इस तरह मुझे चाहना तुम भी

तू ख़ुदा मेरा, तू ही नूर है
तेरा हर कहा मंज़ूर है
मंज़ूर है, मंज़ूर है हर दफ़ा

तेरी सभी शर्तें मंज़ूर हैं



Credits
Writer(s): Salim Sadruddin Merchant, Sulaiman Sulaiman, Shradha Pandit
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