Pehle jaisa

वो तो चले गए मेरी ख्वाबो की किताबें खोलकर
सब कुछ बढ़िया यहाँ है बस खाली मुझे छोड़कर
अब तो मंजिलें भी उनकी मुझसे काफी अलग है
और हम अब तक खोजे उनको दिल की बारी खोलकर
वो रातों में जगती रहती
और मैं उसको शेर सुनाता
वो कहती तुम लिखते क्या हो?
मुझको बिल्कुल समझ ना आता
मैं जब गलती करता था
वो आसमान को सर पे उठाता
वो जब गलती करती थी तो
मैं वहां बस चुप हो जाता
क्या सब कुछ पहले जैसा हो सकता है?
तेरे जैसा हो सकता है?
रात को तू दिन कहदे
तू कहदे वैसा हो सकता है
तेरे जैसा हो सकता है?
पहले जैसा हो सकता?
एक बात बताना क्या आशिक कोई
मेरे जैसा हो सकता है?
Drop
सब सही है नही बिन तेरे
सब और हि दिखे तेरे चेहरे
सब सही नहीं है बिन तेरे
सब और दिखे तेरे चेहरे
फिर तुम क्यों ना थे ठहरे?
हाँ हम तुमसे ही है कहरे
बीती यादो को सहरे
ख़ुशियों की गायब लहरे
हम पागल बनके जी रहे
हम तुमसे ये अब कहरे
क्या सब पहले जैसा हो सकता है?
तेरे जैसा हो सकता है?
रात को तू दिन कहदे
तू कहदे वैसा हो सकता है
तेरे जैसा हो सकता है?
पहले जैसा हो सकता?
एक बात बताना क्या आशिक कोई
मेरे जैसा हो सकता है?
Drop



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