4:30 AM (feat. Tushar Dhruv)

हम थे पागल उनसे प्यार करते रहे
उस बेपरवाह को खोने से डरते रहे
कसमें वादे जन्मों जन्म मरते रहे
हम थे पागल उनसे प्यार करते रहे

साढ़े चार बजे थे हम घर
सुबह नौ बजे से हम बाहर
बोली वो मुझसे तू थोड़ा तो डर
जगह बनाले तू दिल में इधर

साढ़े चार बजे थे हम घर
सुबह नौ बजे से हम बाहर
बोली वो मुझसे तू थोड़ा तो डर
जगह तू दिल में बना ले इधर

तेरे दिल में आके बसूं
रहने दे जीने ना तुझको दूं
कहने से तेरे मैं कुछ न करूं
हां आदाओं पे तेरी मरूं
क्या मैं करूं
क्या मैं करूं
क्या मैं करूं

बात तो सुन
यूं तू ना हार
तू यूं ना हार
जान ए जिगर
सपने हजार
अफसादों से उठ के
जाना है बाहर
वादों का कर्ज
और ऊंची दीवार
ऊंची दीवार
ऊंची दीवार

टकराएं ना राहें
और मिले ना निगाहें
बने एक दूजे के लिए
तो दूर ही क्यूं जाएं
हमको ये भी है पता
के वो भरती है आहें
हम तो थे ही यहीं पे
पर तुम कहां आए
फिर से मिले कोई मौका
तो तुम्हारे हो जाएं

हम थे पागल उनसे प्यार करते रहे
उस बेपरवाह को खोने से डरते रहे
कसमें वादे जन्मों जन्म मरते रहे
हम थे पागल उनसे प्यार करते रहे



Credits
Writer(s): Tushar Dhruv
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