Saajna!

हां आशिकी में हो गए तवाह
ये हमने की है जो वफ़ा ।
तू जानता नहीं, हम रुके हैं वहीं
तूने दफ्ऩ किया था जहां।
ओ मेरे साजऩा
ओ मेरे साजऩा
क्यूं सुनता नहीं? वो है जो अऩकही
इक मेरी दास्तां।

ये हुआ है तेरे मेरे बीच में कैसेॽ
ना जाने हम!
तू बदला हुआ है कुछ दिनों से ऐसे
ना पहचाने हम।
यूं रहके खुदसे ख़फ़ा, तू कैसे जियाॽ
बस इतना बता, थी केसी ख़ताॽ
ओ मेरे जानिया!
जो दिखोगे तुम किसी ग़ैर की बांहों में हम मर जायेंगे
ये हाल-ए-दम का गुनाह हम ख़ुदको फ़नाह कर जायेंगे।
मंज़ूर है दर्द-ए-सजा, तू जितना सता
बस एक ही वजाह से हम तेरे दरमियान।

हां आशिकी में हो गए तवाह
ये हमने की है जो वफ़ा ।
तू जानता नहीं, हम रुके हैं वहीं
तूने दफ्ऩ किया था जहां।
ओ मेरे साजऩा
ओ मेरे साजऩा
क्यूं सुनता नहींॽ वो है जो अऩकही
इक मेरी दास्तां।

हाल-ए-इश्क ना हो बयां
तो हम क्या करेंॽ
दुश्मन को दी थी घर में पनाह
और हम ना डरे
फिर जो चले



Credits
Writer(s): Chandrdev Parihar
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