Jo Tu Milta

बहुत देखा, बहुत ढूँढा, कोई तुझसा ना मिल पाया
मैं दिल का क्या करूँ अपनी, कि दिल को तू समझ आया
तुझे ही मेरा होना था, तू हो जाता तो अच्छा था

मिले तो हैं बहुत, लेकिन जो तू मिलता तो अच्छा था
मिले तो हैं बहुत, लेकिन जो तू मिलता तो अच्छा था
मिले तो हैं बहुत, लेकिन जो तू मिलता तो अच्छा था
...जो तू मिलता तो अच्छा था

महीनों से मेरे अंदर बस एक मौसम ही ठहरा है
तुझे तो याद होगा ना, वही मौसम जो तेरा है
किसी की कैसे हो जाऊँ, मुझे होना नहीं है ना
किसी को कैसे मैं चाहूँ, ये दिल राज़ी नहीं है ना

तुझे खोने से पहले तुझको पा लेते तो अच्छा था
मिले तो हैं बहुत, लेकिन जो तू मिलता तो अच्छा था
...जो तू मिलता तो अच्छा था

(...जो तू मिलता तो अच्छा था)



Credits
Writer(s): Azeem Shirazi, Sandeep Batraa
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