Ek Nayaa Kaarwaan

हम चले हैं लेकर एक नया कारवाँ
आई है लबों पर ये नयी दास्ताँ

हर रात सुहानी होगी, सपनों में उड़ानें होंगी
हर बचपन प्यारा होगा, आँखों में उम्मीदें होंगी

संघर्षों के मैदानों में लड़ जाएँगे हम मुश्किलों से
आँधी हो या तूफ़ान हो, हिम्मत है क्या, तोड़ दें

हौसले, हौसले
हौसले, हो, हो
हौसले, हौसले
हौसले, हौसले, हो

जज़्बा लिए खड़े हैं हम पैमानों का
अब वार नहीं सहना है तीर-कमानों का
हर जज़्बा, हर प्रतिभा, हर मेहनत रंग लाएगी
ये नयी पहल, ये नयी सोच निश्चित ही सफलता पाएगी, पाएगी, हो

हर रात सुहानी होगी, सपनों में उड़ानें होंगी
हर बचपन प्यारा होगा, आँखों में उम्मीदें होंगी

धरती से लेकर आसमान तक यूँ ही पैग़ाम हमारा हो
सूरज, चाँद, सितारों पर बस यूँ ही मुक़ाम हमारा हो



Credits
Writer(s): (heroes Ignotum), Saurabh Sharma
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